क्या PCOS होने पर प्रेगनेंट नहीं हो सकते ?

माँ बनना हर स्त्री का नैतिक अधिकार होता है और दुनिया के सारे सुखों में मातृत्व सुख बहुत उच्च स्तरीय होता हैं ।पर बहुत सी स्त्रियां चाह कर भी इस सुख से वंचित रह जाती है । स्त्री शरीर के अंदरूनी हिस्सों में थोड़ी सी भी गड़बड़ी होने पर प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ जाती है । उन्ही में एक pcos बीमारी है । पीसीओएस यानी पोलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम ( polycystic ovarian syndrome) कहा जाता है यह एक हार्मोनल और साइकोसिस बीमारी है शरीर में हार्मोन की गड़बड़ी होने पर यह बीमारी उत्पन्न होती है । इस प्रॉब्लम में गर्भधारण हो सकता है । उचित ट्रीटमेंट के बाद हार्मोन्स को संतुलित करके गर्भधारण किया जा सकता है । आयुर्वेद में इस बीमारी का उचित समाधान है । वैसे तो पीसीओएस की प्रॉब्लम की शुरुआत ज्यादातर युंग एज में ही हो जाती है । पर शुरुआत में इस बीमारी का पता नही चलता है पर जब प्रेग्नेंसी में समस्याओं का सामना करना पड़ता है तब यह बीमारी पकड़ में आती है । इस प्रॉब्लम से गर्भाशय का आकर बड़ा हो जाता है और गर्भाशय पर गांठे पड़ जाती है ।

 

एक्सपर्ट से जाने पीसीओएस से पीड़ित होने पर प्रेगनेंसी संभव है या नहीं ?

 

जैसा कि पीसीओएस यानी ( polycystic ovarian syndrome) जो एक हार्मोन्स की प्रॉब्लम हैं । आशा आयुर्वेदा सेंटर दिल्ली के डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार यदि कोई फीमेल इस प्रॉब्लम से परेशान हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेदिक पद्धति इस इनका ट्रीटमेंट किया जाता हैं । जिसमे किसी भी प्रकार की शल्य क्रिया नहीं की जाती हैं । आयुर्वेदिक मेडिसिन एवं पंचकर्मा ट्रीटमेंट से इस प्रॉब्लम को जड़ से मिटाया जा सकता हैं ।

 

पीसीओएस ( Pcos ) के लक्षण (Pcos ke lakshan ) -

इस प्रॉब्लम के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जिसे प्रथम दृष्टि से अनुमान लगाया जा सकता हैं । तो आइए जानते हैं :-

 

1. मासिक चक्र अनियमित हो जाता है ।

2. शरीर पर मोटापा बढ़ जाता है जिसका सीधा असर प्रेग्नेंसी पर पड़ता है ।

3. कभी कभी रोगी को स्किन प्रोब्लम भी हो जाती है।

 

पीसीओएस का आयुर्वेदिक उपचार  ( Pcos Treatment In Ayurveda )

 

आयुर्वेद में सफलता पूर्वक हर बीमारी का ट्रीटमेंट किया जाता है और आयुर्वेद  के प्रति लोगों में आज विश्वास भी काफी बढ़ा है । पीसीओएस का आयुर्वेद में पंचकर्मा पद्धति द्वारा इसका इलाज  संभव है । आयुर्वेद में पंचकर्म पद्धति से ट्रीटमेंट किया जाता हैं । जिससे आप इस प्रॉब्लम से जड़ से मुक्ति पा सकते हैं । तो चलिए जानते पंचकर्मा से pcos का इलाज  ( Panchakarma Treatment For Pcos ) :-

 

पहला स्टेप वमन क्रिया -

वमन क्रिया में उल्टी के माध्यम से शरीर में जितने भी विषाक्त जीवाणु होते हैं उन्हें उल्टी की दवाई देकर बाहर निकाला जाता है और पेट को पूरी तरह साफ करके रोग मुक्त बनाया जाता है। यह प्रक्रिया जिनको गैस, एसिडिटी रहती हैं उनके लिए काफी फायदे वाली साबित होती है ।

 

 दूसरा स्टेट - विरेचन

 इस प्रक्रिया में दस्त लगने की औषधि रोगी को खिलाई जाती है ताकि दस्त के साथ शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकल सके और शरीर एकदम रोग मुक्त हो जाए क्योंकि किसी भी समस्या की जड़ पेट से ही चालू होती है जिन लोगों को तले भुने खाने की आदत होती है उनके लिए यह पद्धति रामबाण का काम करती है। जिन्हें कब्ज की शिकायत होती है उनकी बीमारी इस प्रक्रिया में जड़ से नष्ट हो जाती है ।

 

पंचकर्म पद्धति का थर्ड स्टेप नस्य  प्रक्रिया -

इस प्रक्रिया द्वारा नाक में औषधीय तेल डाला जाता है जिससे मस्तिष्क में जमा दूषित विषैले पदार्थ नाक के रास्ते बाहर आ जाते हैं और मस्तिष्क पूरी तरह तनाव रहित हो जाता है जिन लोगों को डिप्रेशन की बीमारी की शिकायत रहती है उनके लिए यह प्रक्रिया काफी फायदेमंद साबित होती है ।

 

 

चौथा स्टेप अनु वासन बस्ती -

पंचकर्म पद्धति में अनु वासन वस्ती द्वारा शरीर को हष्ट पुष्ट बनाया जाता है यह पद्धति पंचकर्म विधि का आधार मानी गई है इसमें रोगी को खूब पौष्टिक आहार दिया जाता है फल सब्जियां भरपूर मात्रा में खिलाई जाती है जिससे शरीर में पोषण क्षमता बढ़ती है और शरीर प्रजनन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है ।

 

पांचवा स्टेप रक्तमोक्षण -

इस प्रक्रिया द्वारा रक्त शुद्धि का काम किया जाता है जिन लोगों को एनीमिया या उच्च रक्तचाप की शिकायत रहती है उनके लिए यह शुद्धीकरण काफी लाभदायक सिद्ध होता है इसमें आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा रक्त को शुद्ध किया जाता है।

 

योग क्रिया -

पंच कर्मा के साथ-साथ योग (Yoga) क्रिया को भी पीसीओएस बीमारी में अपनाने की सलाह दी जाती है नियमित योग करने से शरीर हष्ट -पुष्ट बनता है वह प्रजनन के लिए तैयार होता है।

 

पीसीओएस में परहेज ( pcos me parhej )

 

पीसीओएस ( Pcos ) में कुछ चीजों का परहेज भी रखना होता हैं अन्यथा आपको नुकसान उठाना भी पड़ सकता हैं तो चलिए जानते हैं :-

 

इस प्रॉब्लम से पीड़ित महिलाओं को संतुलित भोजन करना चाहिए अपनी डाइट में ग्रीन वेजिटेबल, रेशेदार फ़ूड को प्राथमिकता देनी चाहिए । ज्यादा मिर्च मशालें वाले खाने और तले हुए खाने से दूर रहना चाहिए । धूम्रपान व नशीली दवाओं से दूर रहना चाहिए। नियमित योगा करना जरूरी है। तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए ।

 

यदि आप पीसीओएस की प्रॉब्लम से परेशान हैं तो आप हमारे आशा आयुर्वेदा सेंटर दिल्ली से  सम्पर्क कर सकते हैं । सम्पर्क सूत्र :- 9811773770